Introduction
paralympic archery indian girl- क्या आप जानते हो कि, बिना हाथों के तीरंदाजी की जा सकती है और वह भी ओलंपिक जैसे मंच पर जी हां पेरिस में हो रहे पैरालंपिक में ऐसा हो रहा है| पेरिस ओलंपिक के बाद अब पेरिस पैरालंपिक की शुरुआत हो चुकी है जहां पर कई भारतीय एथलीट्स इस बार फिर कमाल का प्रदर्शन करना चाहेंगे| और टोक्यो पैरालंपिक्स में जो मेडल टैली थी उसको आगे ले जाना चाहेंगे|
इस बार कई नए नामों को जगह मिली है| इन्हीं नामों में से एक नाम इस बार पैरालंपिक में खेल रही 17 साल की paralympic archery indian girl तीरंदाज शीतल देवी का भी है| जिन्होंने पेरिस पैरालंपिक के विमेंस कंपाउंड इंडिविजुअल इवेंट में रैंकिंग राउंड में कमाल का प्रदर्शन करते हुए दूसरे स्थान पर अपना स्थान हासिल किया है|
शीतल देवी एक इंडियन पैरा आर्चर है- paralympic archery indian girl
- जो की महज 17 साल की है। जो की अभी शुरुआत हुए पैरालंपिक में खुद को इंडिया को प्रदर्शित कर रहीं है।शीतल देवी का जन्म 10 जनवरी, 2007 को जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में हुआ था। वह एक दुर्लभ बीमारी की वजह से बिना हाथो के साथ पैदा हुई|
- पहली बार पैरालंपिक में हिस्सा ले रही हैं|
- 17 साल की शीतल देवी जिन्होंने 720 में से 703 अंक हासिल किए|
और कमाल का प्रदर्शन करते हुए क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह बना ली है|
यह वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने से केवल एक अंक से पीछे रह गई |
बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड –
तुर्की की क्यूरी ग्रीडी के नाम 704 अंकों का नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया है|
रैंकिंग राउंड में पहले स्थान पर वह रही हैं|
यह दोनों ही नंबर्स इसी इवेंट में आए |
शीतल देवी के बारे में सबसे से खास बात यह है-
कि व बिना हाथ के तीरंदाजी करती हैं|
यानी बिना हाथों के तीरंदाजी और पूरी दुनिया में बहुत ही कम आर्चर ऐसे होते हैं|
जो बिना आम के तीरंदाजी करते हैं|
उन्हीं में से एक नाम शीतल देवी का भी है| जो कि महज 17 साल की है|
इस पैरालंपिक में शीतल उन तीन आर्चर में से एक हैं| जो पैर की मदद से तीरंदाजी करती हैं|
शीतल ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता है-
paralympic archery indian girl
और इसके अलावा वो मिक्स्ड और सिंगल्स के इवेंट में इस पैरालंपिक में भाग ले रही हैं|
अब उम्मीद यही है कि वह अच्छा प्रदर्शन करें रैंकिंग राउंड में दूसरे स्थान पर रहने के बाद शीतल देवी को सीधे अंतिम 16 में जगह मिल गई| शीतल प्री क्वार्टर फाइनल में चिली की मारियाना जुगा और कोरिया की चोई नामी के बीच होने वाले मुकाबले में जो जीतेगी|
उसके बीच उनका मुकाबला खेला जाने वाला है|
जुगा की अगर बात की जाए तो टोक्यो पैरालंपिक में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था| वे रैंकिंग राउंड में 15वें स्थान पर रही इस बार तो शीतल से काफी ज्यादा उम्मीदें लगाई जा रही हैं|
interview –
शीतल देवी ने अपने एक इंटरव्यू में कहा की- “नहीं सर स्ट्रेस नहीं है तो मुझे बहुत ही खुशी है कि इतनी छोटी उम्र में इतनी छोटे समय में मैं पैरालंपिक में खेल खेलूंगी|और ट्रेनिंग बहुत अच्छी चल रही है, सर और मेरा लक्ष यही है कि मैं अपना देश का तिरंगा यहां पर लहरहु अपना जो एंथम यहां पर बजाऊ सेर मेरा यही लक्ष्य है|और इससे बढ़कर स मेरा कुछ नहीं है, मेरा नाम शीतल देवी है और आज मैंने इंटरनेशनल में तीन मेडल दिए मुझे बहुत अच्छा लगा श्री माता वैष्णव अकेडमी में प्रैक्टिस करती हूं मेरा कोच जो है, कुलदीप तो उन्होंने मुझे आर्ची सिखाई थी जब मैं पहली बार आई थी तो मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं नहीं कर पाऊंगी तो उन्होंने मुझे मोटिवेट किया कि तू कर पाएगी| तो मुझे बहुत अच्छा लगा आज मैंने अपने देश को तीन मेडल दिए तो मुझे बहुत अच्छा लगा है|”
Conclusion
शीतल की जन्म से दोनों बाजुए नहीं है| जिसके चलते वह पैर से आर्चरी करती हैं| एक अन्य भारतीय रंज सरिता देवी ने 682 का स्कोर किया |और वह नौवें स्थान पर फिनिश किया| उन्होंने वह पहले दौर में मलेशिया की अब्दुल जलील से भिड़ी|
आखिरी,अब देखना यह होगा कि, क्या शीतल देवी पेरिस में कमाल करती हैं या फिर नहीं|
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